1. बुद्ध ने लोगों तक अपने विचारों का प्रसार करने के लिए किन-किन बातों पर जोर दिया?
उत्तर :
निम्नलिखित बातों पर जोर दिया-
यह जीवन कष्टों और दु:खों से भरा हुआ है और कष्टों का कारण हमारी इच्छा व लालसा है।
आत्म संयम अपनाकर हम अपनी इच्छा व लालसा से मुक्ति पा सकते हैं।
लोगों को दयालु होने के साथ-साथ जानवरों के जीवन का भी आदर करने की शिक्षा दी।
हमारे अच्छे कर्मों का परिणाम वर्तमान जीवन के साथ-साथ बाद के जीवन को भी प्रभावित करता है।
2. ‘सही’ व ‘गलत’ वाक्य बताओ।
(क) बुद्ध ने पशुबलि को बढ़ावा दिया।
(ख) बुद्ध द्वारा प्रथम उपदेश सारनाथ में देने के कारण इस जगह का बहुत महत्त्व है।
(ग) बुद्ध ने शिक्षा दी कि कर्म का हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(घ) बुद्ध ने बोध गया में ज्ञान प्राप्त किया।
(ङ) उपनिषदों के विचारकों का मानना था कि आत्मा और ब्रह्म वास्तव में एक ही हैं।
उत्तर :
(क) गलत,
(ख) सही,
(ग) गलत,
(घ) सही,
(ङ) सही।
3. उपनिषदों के विचारक किन प्रश्नों का उत्तर देना चाहते थे?
उत्तर :
उपनिषदों के विचारक मुख्यत: कुछ कठिन प्रश्नों का उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहे थे; जैसे|
कुछ विचारक मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में जानना चाहते थे।
कुछ विचारक यज्ञों की उपयोगिता के बारे में जानना चाहते थे।
कुछ विचारक आत्मा के विषय में जानने चाहते थे।
4. महावीर की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?
उत्तर :
महावीर की प्रमुख शिक्षाएँ
सत्य जानने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक स्त्री-पुरुष को अपना घर छोड़ देना चाहिए।
अहिंसा के नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
ऊँच-नीच, जातिपाँति का भेदभाव नहीं करना चाहिए। आओ चर्चा करें।
5. अनघा की माँ क्यों चाहती थी कि उनकी बेटी बुद्ध की कहानी से परिचित हो? तुम्हारा इसके बारे में क्या कहना है?
उत्तर :
अनघा की माँ चाहती थी कि उसकी बेटी बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं से भलीभाँति परिचित हो। इसलिए वह अपनी बेटी को बुद्ध की कहानी से परिचित कराना चाहती थी।
6. क्या तुम सोचते हो कि दासों के लिए संघ में प्रवेश करना आसान रहा होगा, तर्क सहित उत्तर दो।
उत्तर :
महावीर व बुद्ध के संघ में दासों का प्रवेश करना सरल नहीं रहा होगा, क्योंकि बुद्ध ने संघ में रहने के लिए जो नियम बनाए थे उनके अनुसार दासों को संघ में प्रवेश से पहले अपने स्वामी से अनुमति लेना आवश्यक था।
7. इस अध्याय में उल्लिखित कम से कम पाँच विचारों तथा प्रश्नों की सूची बनाओ। उनमें से किन्हीं
तीन का चुनाव कर चर्चा करो कि वे आज भी क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर :
विचार
आत्मसंयम
दयालुता
अहिंसा
अच्छे कर्म
मृत्यु जीवन का अटल सत्य है।
प्रश्न –
जीवन कष्टों व दु:खों से भरा हुआ क्यों है?
क्या मृत्यु के बाद जीवन है?
यज्ञों की क्या उपयोगिता है? २
विश्व में ऐसा क्या है? जो कि स्थायी है और मृत्यु के बाद भी बचता है।
आत्मा और ब्रह्म में क्या संबंध है?
आज की उपयोगिता के कारण
(i) आत्मसंयम-
आज मनुष्य की इच्छाएँ और लालसाएँ बढ़ती ही जा रही हैं जो उसके बढ़ते दु:खों का
कारण है अतः आज भी मनुष्य आत्मसंयम अपनाकर दुःखों से छुटकारा पा सकता है।
(ii) अहिंसा-
आज चारों तरफ अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाया जा रहा | है, लेकिन समस्याओं का हल हिंसा से नहीं, बल्कि बातचीत और अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही निकाला जा सकता है।
(iii) अच्छे कर्म-
आज व्यक्ति जल्दी-से-जल्दी से अमीर बनने के चक्कर में बुरे कर्म करने लगा हुआ है, जिस कारण चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। अच्छे कर्म करके भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
8. आज दुनिया का त्याग करने वाले स्त्रियों और पुरुषों के बारे में और अधिक जानने का प्रयास करो।
ये लोग कहाँ रहते हैं, किस तरीके के कपड़े पहनते हैं तथा क्या खाते हैं? ये दुनिया का त्याग क्यों
करते हैं?
उत्तर :
ये निम्नलिखित हैं
आज भी अनेक लोग अपने घरों और परिवारों को त्यागकर साधु, महात्मा, मुनि तथा विचारक बन जाते हैं।
ये लोग मंदिरों, आश्रमों, संघों तथा एकांत स्थानों पर रहते हैं।
ये प्रायः पीले, भगवा, सफेद कपड़े पहनते हैं या निर्वस्त्र रहते हैं।
ये शाकाहारी भोजन करते हैं।
ये ज्ञान की प्राप्ति के घर-परिवार का त्याग करते हैं।