0 कक्षा 6-नए साम्राज्य और राज्य
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कक्षा 6-नए साम्राज्य और राज्य

1. सही या गलत बताओ :

(क) हरिषेण ने गौतमी पुत्र श्री सातकर्णी की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखी।

(ख) आर्याव के शासक समुद्रगुप्त के लिए भेंट लाते थे।

(ग) दक्षिणापथ में बारह शासक थे।

(घ) गुप्त शासकों के नियंत्रण में दो महत्त्वपूर्ण केंद्र तक्षशिला और मदुरै थे।

(ङ) ऐहोल पल्लवों की राजधानी थी।

(च) दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रहीं।

उत्तर :

(क) गलत

(ख) गलत

(ग) सही

(घ) गलत

(ङ)गलत

(च) सही।

2. ऐसे तीन लेखकों के नाम बताओ, जिन्होंने हर्षवर्धन के बारे में लिखा।

उत्तर :

 बाणभट्ट, श्वैन त्सांग और रवि कीर्ति ऐसे तीन लेखकों के नाम हैं, जिन्होंने हर्षवर्धन के विषय में लिखा। |

3. इस युग में सैन्य संगठन में क्या बदलाव आए?

उत्तर : 

निम्नलिखित बदलाव आएराजा एक सुसंगठित सेना रखते थे जिसमें हाथी, रथ, घुड़सवार और पैदल सिपाही होते थे।वे सेनानायक भी रखते थे जो आवश्यकता पड़ने पर राजा को सैनिक सहायता दिया करते थे।नसेनानायकों को कोई नियमित वेतन नहीं दिया जाता था। इन्हें भूमि दान दिया जाता था। वे दी गई भूमि से कर वसूल करते थे जिससे वे सेना तथा घोड़ों की देखभाल करते थे।ये सेनानायक सामंत कहलाते थे। जहाँ कहीं भी शासक दुर्बल होते थे ये सामंत स्वतंत्र होने की कोशिश, करते थे।

4. इस काल की प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें क्या-क्या नई चीजें दिखती हैं?

उत्तर :

  प्रशासन की प्राथमिक इकाई गाँव होते थे, लेकिन धीरे-धीरे कई बदलाव आए। राजाओं ने आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक या सैन्य शक्ति रखने वाले लोगों का समर्थन जुटाने के लिए कई कदम उठाए।कुछ महत्त्वपूर्ण प्रशासकीय पद आनुवंशिक बन गए। जिसका अर्थ है बेटे अपने पिता का पद पाते थे जैसे कि कवि हरिषेण अपने पिता की तरह महादंडनायक अर्थात् मुख्य न्याय अधिकारी थे।कभी-कभी एक ही व्यक्ति कई पदों पर कार्य करता था जैसे कि हरिषेण एक महादंडनायक होने के साथ-साथ कुमारामात्य अर्थात् एक महत्त्वपूर्ण मंत्री तथा एक संधि-विग्रहिक अर्थात् युद्ध और शांति के विषयों का भी मंत्री था।स्थानीय प्रशासन में प्रमुख व्यक्तियों का बोलबाला था। इनमें नगर-श्रेष्ठी यानी मुख्य बैंकर या शहर का व्यापारी, सार्थवाह यानी व्यापारियों के काफिले का नेता, प्रथम कुलिक अर्थात् मुख्य शिल्पकारतथा कायस्थों यानी लिपिकों के प्रधान जैसे लोग होते थे। 

5. तुम्हें क्या लगता है कि समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करने के लिए अरविन्द को क्या-क्या करना पड़ेगा? ।

उत्तर :

  अगर अरविन्द राजा समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करता है तो उसे निम्नलिखित कार्य करना पड़ेगा वह शाही वेशभूषा में, मूंछों पर ताव देते हुए, रूपहले कागज में लिपटी तलवार को शान से पकड़कर चहलकदमी करेगा। वह राज सिंहासन पर बैठकर वीणा बजाएगा और कविता पाठ भी करेगा। वह एक महान योद्धा की तरह कई युद्ध लड़ेगा और उन युद्धों को उसे जीतना पड़ेगा।

6. क्या प्रेशस्तियों को पढ़कर आम लोग समझ लेते होंगे? अपने उत्तर के कारण बताओ।

उत्तर :

  आम लोग प्रशस्तियों को पढ़कर नहीं समझ पाते होंगे, क्योंकि वे संस्कृत में होती थी। संस्कृत आम लोगों की भाषा नहीं थी। आम आदमी सामान्यतः पढ़े-लिखे नहीं थे इसलिए प्रशस्तियों को पढ़ना और समझ जाना उनके लिए संभव नहीं था। आओ करके देखें

7. अगर तुम्हें अपनी वंशावली बनानी हो, तो तुम उसमें किन लोगों को शामिल करोगे? कितनी पीढ़ियों को तुम इसमें शामिल करना चाहोगे? एक चार्ट बनाओ और उसे भरो।

उत्तर :

  अगर मैं अपनी वंशावली बनाऊँगा तो मैं उसमें तीन पीढ़ियों को शामिल करना पसंद करूंगा। मैं अपने परदादा से शुरू करूंगा। उसके बाद उनके बच्चे, यानी के अपने दादा और उनके भाई, अपने दादा के पुत्र यानी अपने पिता और भाई, फिर मैं स्वयं अपने भाई को शामिल करूंगा।










8. आज युद्ध का असर जनसाधारण पर किस तरह पड़ता है?

उत्तर :

  युद्ध हमारे जीवन में विपत्तिग्रस्त घटना होती है। युद्ध सामान्यतः दो देशों के बीच में या संयुक्त रूप से विभिन्न देशों के समूहों के बीच लड़ा जाता है, जबकि सामान्य लोगों का युद्ध के पीछे के मुख्य उद्देश्य के प्रति कोई लगाव नहीं होता है। वे युद्ध से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। बड़ी संख्या में वे लोग युद्ध में मारे जाते हैं। जिनका कोई भी दोष नहीं होता हैं। वे अपना जीवन खो देते हैं। युद्ध अपने पीछे चिल्लाते हुए विधवाओं और अनाथों को छोड़ जाता है। सभी संसाधन नष्ट हो जाते हैं विकास पूरी तरह प्रभावित हो जाता है फिर से व्यवस्थित होने में बहुत समय लगता है।